भारी बारिश से गांवों और कृषिभूमी जलमग्न हो गई; घरों में घुसने से कई नागरिकों को रात जागनी पडी
अब सरकार को भारी बारिश से पीडित किसान और लोगो को राहत दिलाने के लिये आगे अणे कि आवश्यकता है
हिमायतनगर, एम.अनिलकुमार| शहर और तालुका क्षेत्र में शनिवार रात 10 बजे से शुरू हुई भारी बारिश ने सुबह 8 बजे तक तालुका को सचमुच तबाह कर दिया है. इसके कारण हिमायतनगर शहर के ग्रामीण इलाकों के गांवों में पानी भर गया है और कृषि क्षेत्रों में भी पानी भर गया है. नाले के किनारे की कृषि भूमि में हवा से लहलहाती फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
हिमायतनगर शहरों में नालियों का गंदा पानी सीधे सड़कों पर आने के कारण पूरे क्षेत्र के नागरिकों के घरों में घुसने से कई नागरिकों को रात जागकर गुजारनी पड़ती है। करीब आठ घंटे तक बिजली गुल रहने से नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही शहर के उच्च शिक्षित इलाकों में देखा गया है कि नालियों के गंदे पानी के कारण इलाका दुर्गंधयुक्त हो गया है. कुल मिलाकर, हिमायतनगर शहर और तालुका क्षेत्र में पहली भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और भले ही इस बारिश ने आने वाले वर्षों में पानी की कमी से कुछ राहत प्रदान की है, लेकिन जानकार नागरिकों ने कहना है कि जलसंकट से बचने के लिये और अधिक भारी बारिश आवश्यक है।
हिमायतनगर शहर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के ठेकेदार द्वारा शहर से दोनों ओर नाली का निर्माण कार्य आंशिक रूप से बंद कर देने के कारण शहर से सटे रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर अंडरग्राउंड शटर, ऑटोमोबाइल और दुकानों में पानी घुस गया है। बाढ़ के पानी के कारण विभिन्न व्यापारियों को नुकसान हुआ। इसके अलावा शहर के निचले इलाके नेहरू नगर, मुर्तुजा नगर, शंकर नगर, रहीम कॉलोनी समेत सिरंजनी, पलसपुर, पोटा, सरसम, धनोरा, बोरगड़ी समेत कई गांवों में कई मकानो में पाणी घूस जाणे से कई घरे गिर गये हैं. पानी घरो में प्रवेश करने से घर में उपयोगी सामग्री नष्ट हो जाने से गरीबों पर काफी बुरा असर पड़ा है।
शहर और तालुका क्षेत्रों में शनिवार रात और रविवार को हुई भारी बारिश के कारण किसानों और गरीब नागरिकों के नुकसान का सरकार को पंचनामा बनाना चाहिए और घरों के नुकसान के कारण संकट में फंसे नागरिक और फसलें के नुकसानी से परेशान किसानों को तुरंत सहायता प्रदान करनी चाहिए. ऐसी मांग शहर व आसपास क्षेत्र के नागरिकों द्वारा की जा रही है. पैनगंगा नदी और शहर से सटी नहरें उफान पर हैं और भारी बारिश के कारण पूरे हिमायतनगर शहर में बाढ़ के पानी से डूबने की तस्वीर देखने को मिल रही है. इस वर्ष प्रारंभ से ही वर्षा नहीं हुई, अत: नागरिक कृषकों को भविष्य में जलसंकट का सामना करने का भय सताने लगा था। लेकिन दो दिनों में हुई इस भारी बारिश से लगभग हर कोई हैरान हो गया है. अब सरकार को भारी बारिश से पीडित किसान और लोगो को राहत दिलाने के लिये आगे अणे कि आवश्यकता है।