मनरेगा के तहत किसान खेतों और खेत की मेड़ों पर बांस लगाएं – कलेक्टर अभिजीत राऊत
बांस की खेती से आर्थिक सपोर्ट के साथ पर्यावरण संरक्षण भी मिलता है

नांदेड़, एम अनिलकुमार| महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अमृत महोत्सव फलदार वृक्ष एवं फूल फसल रोपण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता का लाभ मिलेगा। इस योजना में किसानों को अपने खेतों और बांधों पर बांस लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कलेक्टर अभिजीत राऊत ने किसानों से बांस की खेती की इस योजना में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है।
इस कार्यक्रम से किसानों को 7 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी. जिससे उनकी खेती और समृद्ध होगी तथा उत्पादन में वृद्धि होगी। विशेष रूप से, बांस की खेती के लिए सब्सिडी से किसानों को कृषि प्रबंधन के नए तरीके अपनाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एक हेक्टेयर में 3×3 विधि से लगाने पर ग्यारह सौ ग्यारह बाबू के पौधे लगते हैं। नरेगा से किसानों को चरणबद्ध तरीके से 4 साल तक 7 लाख 4 हजार 45 रुपये सब्सिडी के तौर पर दिये जायेंगे. किसानों को बांस रोपण करते समय पंचायत समिति कृषि अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। ऐसे किसानों को सीधे उनके बांध पर बांस के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करना, पर्यावरण की रक्षा करना और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। साथ ही कलेक्टर अभिजीत राऊत, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीनल करणवाल और नरेगा के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित राठौड़ ने किसानों से अपने खेतों और खेत की मेड़ों पर बांस लगाकर इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है.
