दिवाली पहाट में कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क बन गया मिनी महाराष्ट्र
नई दिल्ली| ‘दिल्ली मराठी प्रतिष्ठान’ द्वारा कनॉट प्लेसके सेंट्रल पार्क में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘दिवाली पहाट’ में प्रसिद्ध गायिका वैशाली सामंत के मराठी और हिन्दी गानों पर लोग जमकर थिरके। दिल्ली जैसे व्यस्तता वाले शहर में सुबह 6 बजे लगभग 4 हजार लोग पहुंचे। 05 अक्टुबर, रविवार प्रातःकाल की पहली किरण के साथ आरंभ हुआ यह कार्यक्रम करीब चार घंटे चला।
सेंट्रल पार्क में मंच सज्जा बहुत कलात्मक की गई थी। दिल्ली में निवास करने वाले मराठी परिवार के लोग साढ़े पांच बजे से ही पहुंचने लगे थे। आधा घंटा में ही बैठने की जगह नहीं बची। गायिका वैशाली सामंत जैसे मंच पर आईं। लोगों का उत्साह दोगुना हो गया। इसके बाद शुरू हुआ गीतों का सिलसिला लगातार चार घंटे तक चला।
यह भीड़ देखकर वैशाली सामंत भी अचरज में थीं। उन्हें अंदाजा नहीं था कि दिल्ली में वह भी सुबह के समय इतने लोग उन्हें सुनने आएंगे। मराठियों का स्नेह देखकर वह अपनी पसंद की बजाय लोगों की फरमाईस वाले गीत ज्यादा गायीं। महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध लावणी गीत, संगीत पर तो लोग नाचने लगे। हर उम्र के लोग जमकर नाचे। कहां कार्यक्रम दो घंटे चलना था, लेकिन लोगों का उत्साह और फरमाईस से यह चार घंटे चला।
मंच से थोड़ी दूरी पर एक दर्जन से अधिक फुड स्टाल लगाए गए थे। जहां महाराष्ट्र का पसंदीदा बड़ा पाव, दही के साथ साबूदाना की खिचड़ी, मिसल पाव, चिवड़ा के अलावा नास्ते की कई किस्से मौजूद थीं। यहां पंढ़रपुर में विराजे भगवान विट्ठल और रूकमणी के साथ संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम की प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र रही। यह सेल्फी प्वांइट बन गया था, जहां सेल्फी लेने वालों की भीड़ लगी थी।
देश की राजधानी में दिल्ली मराठी प्रतिष्ठान वह डोर बन गया है जो महाराष्ट्र से दूर रह रहे अपने लोगों को जोड़कर रख रहा है। प्रतिष्ठान मराठी परिवार को अपनी लोक संस्कृति, लोक कला और परम्परा से बांधने के साथ उसे संजोने और संवारने का काम प्रमुखता से कर रहा है। 2014 में वैभव डांगे द्वारा दिल्ली में निवास करने वाले मराठी परिवारों को उनके जड़ से जोड़े रखने के लिए दिल्ली मराठी प्रतिष्ठान का गठन किया गया। जो आज दिल्ली के मराठी समाज और मराठी संस्थाओं का विश्वसनीय मंच बन गया है। प्रतिष्ठान द्वारा 2016 में दीपावली के शुभअवसर पर महाराष्ट्र में होने वाले दिवाली पहाट की शुरूआत की गई थी। इस बार यह आठवां आयोजन था। जिसमें दिल्ली निवासी मराठी परिवार बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए।