हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| यहां के समूह शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित की गई हर घर तिरंगा अभियान रैली बेकार हो गई है और अभिभावक इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि शिक्षा विभाग ने शहर के स्कूलों के विद्यार्थियों को रैली निकालने के बहाणे बुलवाया, और सादा चॉकलेट तक बांटने की जहमत नहीं उठाई।
हिमायतनगर के शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया कि शहर के सभी सरकारी अर्ध-सरकारी स्कूल सरकार के निर्णय के अनुसार हर घर तिरंगे की पहल को लागू कर रहे हैं। इसके लिए वरिष्ठजनों के निर्देशानुसार सोमवार 12 अगस्त 2024 को सुबह 9 बजे हिमायतनगर शहर स्थित श्री परमेश्वर मंगल कार्यालय पर तिरंगा रैली निकाली जायेगी. हालांकि, निर्देशों का पालन करते हुए शहर के कई स्कूलों के सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने-अपने विद्यार्थियों के साथ शामिल हुए. लेकिन इस स्थान पर छात्रों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण कई छात्रों को सभागार के बाहर इंतजार करना पड़ा और वापस जाना पड़ा, जबकि पीछे के कई छात्र खडे हुए थे, जिससे मंच से क्या निर्देश दिए जा रहे उसकी आवाज भी नहीं सून पा रहें थे, इसलिये पीछे के अनेक विद्यार्थी हॉल से बाहर चले गए क्योंकि उन्हें समझ नहीं आया कि मंच से क्या निर्देश दिए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग के समूह समन्वयक एवं इस तिरंगा रैली का आयोजन करने वाले संबंधितों द्वारा इस स्थान पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराये जाने पर अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त की है. शिक्षा विभाग का संचालन जहां प्रभारी अधिकारी द्वारा किया जा रहा है, वहीं तालुका का नेतृत्व करने वाले जन प्रतिनिधि भी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे तस्वीर यह बयां कर रही है कि शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. क्या जन प्रतिनिधि सिर्फ फोटो और खबरों के लिए ही काम करते है, बल्कि तालुका में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षा विभाग की ओर से क्रियान्वित सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी काम करणा चाहिये..? ऐसा न हो, इसलिये जनप्रतिनिधी यह सुनिश्चित करके शिक्षा-प्रेमी जनता और अभिभावकों को राहत दे कि हम हम अपने कर्तव्य के प्रति सजग हैं।
सोमवार को हिमायतनगर शहर में आयोजित हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग ने कोई पूर्व नियोजन नहीं किया. दरअसल, यह देखने को नहीं मिला कि कार्यक्रम स्थल पर हर घर तिरंगा अभियान के जागरूकता बोर्ड, साउंड सिस्टम और अन्य कोई जरूरी सुविधाएं की गई हैं। कई छात्रों को खड़े रहना पड़ा जबकि कई छात्र हॉल के बाहर इंतजार करते दिखे क्योंकि छात्रों के बैठने की कोई योजना नहीं थी। कुल मिलाकर एक घंटे तक छात्रों को हॉल में बैठाया गया, असमंजस के कारण रैली नहीं हो सकी. छात्रों को खाऊ भी नहीं दिया गया. देखने में आया है कि सभी सरकारी व अर्धसरकारी स्कूलों में उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए बुलाया गया था और एक घंटे तक मंगल कार्यालय में बैठाये रखा और फिर घर भेज दिया गया है.
कुल मिलाकर शिक्षा प्रेमी नागरिकों द्वारा यह कहा जा रहा है कि हिमायतनगर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित हर घर तिरंगा अभियान की धज्जियां उड़ गई हैं. मांग की जा रही है कि शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से संज्ञान लें और पिछले कई वर्षों से हिमायतनगर शिक्षा विभाग में जमे समूह समन्वयक को तुरंत हटा दें और इसके बाद से शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करते समय ऐसा किया जाये की कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को असुविधा नहीं होनी चाहिए।