निचली पैनगंगा बांध विरोधी समिति की मांग को एडवोकेट अम्बेडकर का समर्थन
श्रीक्षेण माहुर| निचली पैनगंगा विरोधी बांध संघर्ष ने वंचित बहुजन अघाड़ी के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद एडवोकेट बालासाहेब अम्बेडकर कि मुलकात के लिये अकोला गए और एक बयान में अनुरोध किया कि 95 गांवों के डेढ़ लाख लोगों को विस्थापन से बचाने के लिए लोअर पैनगंगा परियोजना के बजाय बैराजों की एक श्रृंखला बनाई जाए। और समृद्ध जंगल और उपजाऊ भूमि को भी बचाया जाए क्योंकि वे मुसीब में आ जाएंगे। परियोजना, और लोअर पैनगंगा परियोजना के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया गया है, संघर्ष विरोधी समिति ने पुणे और औरंगाबाद अदालतों में दावा दायर किया है और अदालतों द्वारा तारीख पर तारीख मिल रही है। यह बात भी बाँध विरोधी समिति ने अम्बेडकर के सामने उजागर उनका ध्यान आकर्षित किया।
एड. बालासाहेब अम्बेडकर ने बांध विरोधी संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि, वे अगले एक-दो दिन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस विषय पर बात करेंगे और अनुरोध करने पर वे इस आंदोलन को मानवीय दृष्टिकोण से जो भी सहयोग दे सकेंगे देंगे। बांध विरोधी समिति को जल्द ही इस बारे में सूचित करने का वादा भी उन्होने किया गया है। बांध विरोधी संघर्ष समिति ने अब तक कई राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक आंदोलन के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोअर पैनगंगा परियोजना के लिए आंदोलन में शामिल किया है। जैसे ही समिति ने बयान देकर उच्च शिक्षित, कानून का ज्ञान रखने वाले बालासाहेब अंबेडकर को संघर्ष समिति से जोड़ने की कोशिश की, अब तस्वीर बता रही है कि इस आंदोलन की विपक्षी धार और तेज होगी।
बांध विरोधी संघर्ष समिति के संगठन सचिव एवं प्रसिद्ध नेता एवं यवतमाल जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मुबारक तंवर, बांध विरोधी संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष प्रल्हादराव गावंडे सर, पूर्व सरपंच सावली सदोबा गांव के शेषराव मुनेश्वर, मनोहर बहादे आदि लोग बालासाहब अंबेडकर को मेमोरेंडम देते हुए उपस्थित थे।