श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एवं चतुर्थ श्रावण सोमवार श्री परमेश्वरजी का आभूषण शृंगार धूमधाम से संपन्न
रात 10 बजे तक हजारों श्रद्धालुओं ने आभूषण स्वरूप श्री परमेश्वरजी के दर्शन किये
हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| हिमायतनगर वाढ़ोना में स्थित श्री परमेश्वर मंदिर जो भारत में प्रसिद्ध है, आज 26 अगस्त 2024 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी एवं चतुर्थ श्रावण सोमवार को श्री परमेश्वर की मूर्ति को स्वर्ण आभूषणों से सजाया गया है और हजारों भक्तों ने रात्रि 10 बजे तक आभूषणों स्वरूप में भगवान श्री परमेश्वरजी के दर्शन प्राप्त किये हैं। यह जानकारी श्री परमेश्वर मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष महावीरचंद श्रीश्रीमाल ने दी है.
हिमायतनगर (वाढ़ोना) स्थित श्री परमेश्वर मंदिर लगभग सव्वासातसो वर्ष से अधिक पुराना है, तथा सामाजिक, धार्मिक एवं राष्ट्रीय एकता का प्रतीक इस मंदिर ने ऐतिहासिक महत्व प्राप्त कर लिया है। इस मंदिर के शिलालेख इस बात की गवाही देते हैं और इसी वजह से श्री परमेश्वर मंदिर को अतीत में तीर्थ स्थल का दर्जा दिया गया है। हेमाडपंथी उत्तराभिमुख मंदिर के तहखाने में शिव शंकर – विष्णु के अवतार, हरिहर के रूप में श्री परमेश्वर की एक खड़ी मूर्ति है। श्री परमेश्वर की मूर्ति, जो अत्यंत मनमोहक और सर्वांग सुंदर है, काले पाषाण पत्थर में बनी है, और पुराने विद्वानों का कहना है कि इस मूर्ति के अवलोकन से परम अधिक ईश्वर यानी परमेश्वर का दर्शन होता है।
हिमायतनगर वाढ़ोना शहर में श्री परमेश्वर की मूर्ति का कोई वर्णन या अन्य देवताओं की मूर्तियों के साथ इस मूर्ति की समानता का कोई वर्णन नहीं है। इसलिए इस मंदिर में आए कई साधु-संतों और पुराने विद्वानों का कहना है कि यह मूर्ति भारत की एकमात्र मूर्ति है। विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और अन्य क्षेत्रों से भक्त, जो मानते हैं कि श्री परमेश्वरजी हैं जो भक्तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं, इसलिये महाशिवरात्रि और श्रावण महीने के दौरान दर्शन के लिए आते हैं।
हर साल की तरह इस साल भी श्री परमेश्वर मंदिर में श्रावण मास उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और 71 साल बाद श्रावण मास सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है। विशेषकर इस माह में पांच सोमवार होने से हरिहर रूप में श्री परमेश्वर के दर्शन का महत्व अधिक विशेष हो गया है। इस अद्भुत और दिव्य योग का महत्व जाणकरके बालयोगी वेंकटस्वामी महाराज के नेतृत्व में श्रावण मास में ओम नमः शिवाय का निरंतर जप शुरू किया गया है। 21 दिन में शिवपुराण कथा, संत ज्ञानेश्वर माऊली की गाथा पूर्ण हो चुकी है, भागवत कथा शुरु हुए तीन दिन बीत चुके हैं, प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक भागवत पुराण कथा हभप. कुमारी वैष्णवी दीदी गौड़ की मधुर आवाज में सुनाइ गया है।
श्रावण मास के दौरान भक्तों को महाशिवरात्रि की तरह श्री परमेश्वर के शृंगार दर्शन मिल सकें इस उद्देश्य से 26 अगस्त 2024 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 12 बजे के बाद श्री परमेश्वर मूर्ति का शृंगार समारोह भव्य तरीके से संपन्न हुआ। पुरोहित कांतागुरु वाल्के के मंत्रोच्चारण के साथ पुलिस व्यवस्था में दोपहर यहां के एक सुनार बाबूराव सकवान ने श्री परमेश्वर की मूर्ति को सजाने का काम किया है। बाद शृन्गर के श्री परमेश्वर जी की महाआरती कर भक्तों को दर्शन के लिए छोड़ा गया। अलंकार स्वरूप में हजारों श्रद्धालु भक्तों ने श्री परमेश्वर मूर्ति के दर्शन किये। इस अवसर पर श्री परमेश्वर मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष महावीरचंद श्रीश्रीमाल, सचिव अनंतराव देवकाते, प्रकाश शिंदे, प्रकाश कोमावार, राजाराम जरेवाड, वामनराव बनसोडे, लताताई पाध्ये, लताताई मुलंगे, मथुराबाई भोयर, एड.दिलीप राठौड़, अनिल मदसवार, संजय माने , गजानन मुत्तलवाड, विलासराव वानखेड़े, क्लर्क बाबूराव भोयर गुरुजी, मायम्बा होलकर, संतोष गाजेवार, संतोष वानखेड़े, रामराव पाटिल कार्लेकर, राम नरवाडे, मारोती हेंद्रे, पंडित ढोणे और कई गणमान्य यक्ती व दर्शन के लिये आये श्रद्धालु उपस्थित थे।